जय हिन्द न्यूज/जालंधर
पहले ही असंख्य क्रिमिनल केसों का सामना कर रहे विधानसभा हलका जालंधर वैस्ट से आम आदमी पार्टी के कैंडीडेट शीतल अंगुराल पर एक और एफआईआर की तलवार लटक गई है।
ताजा खबर आ रही है कि पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने एक वोटर की शिकायत का संज्ञान लेते हुए जालंधर पुलिस कमिश्नरेट को चार हफ्ते में याची की रिप्रेजेंटेशन पर फैसला लेने का आदेश जारी किया है।
जानकारों के मुताबिक आप कैंडीडेट शीतल अंगुराल आज जब अपने जन्मदिन का केट काट ही रहे थे कि यह बुरी खबर उनकी कानों में पड़ी। इसके बाद उनको बधाईयों के साथ-साथ सफाई मांगने वाले मीडिया वालों के फोन कॉल्स का भी सामना करना पड़ा। हालांकि अपनी सफाई में शीतल अंगुराल ने कोई भी ठोस पक्ष पेश नहीं किया जिससे अप्रत्क्ष तौर पर साबित भी होता दिखाई दिया कि उनको अपनी किसी गलती का अहसास हो गया है।
बहरहाल, सूत्रों के हवाले से खबर यह मिली है कि जालंधर सिटी पुलिस कैंडीडेट शीतल अंगुराल के खिलाफ दसवीं कक्षा का जाली स्कूल सर्टीफिकेट बनाने/बनवाने के आरोप में क्रिमिनल केस दर्ज करने की तैयारी में है। चूंकि मामला जालसाजी का है और इसमें आईपीसी की धारा 465 लगना तय है जिससे उसकी गिरफ्तारी भी तत्काल हो सकती है।
दरअसल, मामला यह है कि आप कैंडीडेट शीतल अंगुराल ने चुनाव के लिए जो नामांकन किया उसमें खुद को दसवीं पास बताते हुए हरियाणा बोर्ड का कोई प्रमाण पत्र पेश किया था। वैस्ट हलके के वोटर सुरिंदर पाल ने इसके खिलाफ अपनी आपत्ति चुनाव अधिकारी के समक्ष पेश की तो रिटर्निग अफसर ने गोलमोल शब्दों का इस्तेमाल करते हुए नामांकन रद्द करने और कोई भी कार्रवाई से इंकार कर दिया।
उधर, खबर है कि सुरिंदर पाल की शिकायत पर एसीपी वैस्ट वरियाम सिंह ने स्पीडी जांच में यह तस्दीक भी करवा लिया कि शीतल अंगुराल की ओर से पेश किया दसवीं का प्रमाण पत्र जाली है।
जानकारी यह भी मिली है कि पुलिस ने इस बाबत पेश प्रमाण जारीकर्ता अथारिटी से एक तस्दीकी पत्र भी हासिल कर लिया है जिसमें साफ शब्दों में कहा गया है कि इस नाम के व्यक्ति ने उनके यहां से कोई दसवीं पास नहीं की है। बावजूद इसके पुलिस की ढीली कार्रवाई के खिलाफ सुरिंदर पाल ने पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट का रुख किया तो चार हफ्ते में मामले का निपटान करने का आदेश जारी हुआ।
उधर, संपर्क करने पर शीतल अंगुराल ने इस बाबत कुछ भी सफाई देने से इंकार कर दिया। शीतल बोले कि यदि कोई केस दर्ज किया गया तो वो कानूनी लड़ाई लडेंगे। हालांकि शीतल ने इस मामले में कोई राजनीतिक साजिश की बात भी नहीं की।
अब देखना शेष होगा कि आने वाले समय में शीतल अंगुराल के खिलाफ पुलिस क्या एक्शन लेती है या फिर बिना एक्शन केस को बंद करके शिकायतकर्ता को कोर्ट का रास्ता दिखा देती है। हालांकि क्लीयर सबूतों के मौजूद होते पुलिस के लिए ऐसा करना काफी मुश्किल होगा।