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जाली वीजा रैकेट का भंडाफोड़, रिलायबल कंसल्टेंसी के एजैंट समेत जालंधर के 3 ट्रैवल एजैंट गिरफ्तार, 200 से ज्यादा पासपोर्ट रद्द, पढ़िए इमिग्रेशन जगत की सनसनीखेज रिपोर्ट

By RAJESH KAPIL

Published on 09 Feb, 2022 11:31 AM.

 

        जय हिन्द न्यूज रिपोर्ट/नई दिल्ली
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने विभिन्न देशों व खासतौर पर यूरोपीय देशों के लिए नकली वीजा तैयार करने वाले एक बड़े गिरोह का भंडाफोड़ कर छह सदस्यों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार किए गए व्यक्तियों में से 3 लोग जालंधर के बताए जा रहे हैं। गिरफ्तार किए गए आरोपितों के नाम संजीव कुमार, लखविंदर सिंह, राजवीर सिंह, अनिल पॉल, दुष्यंत व राजकुमार है।


 
पुलिस ने जिन 6 लोगों को दबोचा है, उसमें तीन जालंधर के रहने वाले हैं। जालंधर का रहने वाला संजीव कुमार 2019 में कुछ फाइनेंसरों से पैसा लेकर पंजाबी गानों पर निवेश किया लेकिन कोरोना में धंधा नहीं चला। 2020 में उसने खुद का प्रोडक्शन हाउस खोला लेकिन कोरोना के कारण कोई प्रोजेक्ट नहीं मिला।

रिलायबल कंसल्टेंसी के माध्यम से चार लोगों को यूके भेजा
इसके बाद उसने 50-60 हजार रुपये प्रति ग्राहक कमीशन लेकर रिलायबल कंसल्टेंसी के माध्यम से चार लोगों को यूके भेजा। इसके बाद उसके पास कई ग्राहक वीजा के लिए आए। छह माह पहले पहाड़गंज में राजवीर सिंह से उसकी मुलाकात हुई तब दोनों ने मिलकर वीजा सेवाओं के नाम पर लोगों से ठगी करना शुरू कर दिया। संजीव वीजा के लिए क्लाइंट का इंतजाम करता था।

गुरदासपुर के राजवीर सिंह उर्फ रवि वर्तमान में ओम विहार, उत्तम नगर में रह रहा था। 2010 में उसने विदेश जाने के लिए सभी पुश्तैनी जमीन 8.5 लाख में बेच दी और परिवार के साथ दिल्ली आ गया। दिल्ली में एक एजेंट को उसने विदेश जाने के लिए पैसे दिया पर एजेंट ने उसे धोखा दे दिया। जिससे वह विदेश नहीं जा सका। इसके बाद उसने वीजा एजेंट के तौर पर काम शुरू कर दिया।


 
फर्जी वीजा लगवाने का काम
शुरू में उसने कुछ लोगों को वर्क परमिट पर मजदूरी व बढई के काम के लिए दुबई, कतर व अबू-धाबी आदि देशों के लिए भेजे। धंधे के दौरान उसकी लक्ष्मी नगर निवासी अनिल पॉल से मुलाकात हुई जो विभिन्न देशों के फर्जी वीजा लगवाने का काम करता था। उसके बाद राजवीर ने अनिल पॉल की मदद से वीजा लगवाने लगा। संजीव कुमार से मुलाकात होने पर तीनों ने मिलकर एक साथ वीजा एजेंटों के रूप में काम करना शुरू कर दिया और कई लोगों को ठगा।

पटियाला का रहने वाला लखविंदर सिंह फिलहाल मजलिस पार्क में रह रहा था। 2005 उसने टूर एंड ट्रैवल कंपनी में चालक की नौकरी की और 2016 से कमीशन के आधार पर वीजा एजेंट का काम करना शुरू किया। शुरू में वह 30-40 हजार कमीशन लेकर वर्क परमिट पर लोगों को दुबई भेजता था। वह ओखला व शिवाजी स्टेडियम में कई वीजा एजेंटों के लिए काम करता था। लखविंदर व राजवीर दोनों आदर्श नगर में भी रहे हैं।

कपड़े की दुकान में सेल्समैन की नौकरी
शकरपुर का रहने वाला अनिल पॉल शुरूआत में जनपथ पर कपड़े की दुकान में सेल्समैन की नौकरी की। 1991 में नौकरी छोड़कर स्ट्रीट वेंडर का काम किया। उसने हवाई ई-टिकट का काम भी किया। बाद में मलेशिया व बैंकाक के लिए वीजा लगवाने का काम शुरू कर दिया। धंधे में उसकी मुलाकात दुष्यंत से हुई जो नकली वीजा की छपाई और सुविधा के व्यवसाय में था। दोनों ने मिलकर कई लोगों को धोखा दिया।

मुरादाबाद उत्तर प्रदेश का रहने वाला दुष्यंत पहले नोएडा में हथकरघा एम्पोरियम की एक निर्यात कंपनी में नौकरी की। उसने एक एजेंट के माध्यम से सिंगापुर वीज़ा के लिए आवेदन किया, लेकिन एजेंट ने उसे ठग लिया। उसने अपना सब कुछ खो दिया इसके बाद उसने भी मुंतज़िर अली के साथ मिलकर नकली वीसा का काम शुरू कर दिया। जबकि राजकुमार पटपड़गंज का रहने वाला है। दुष्यंत सिंह के संपर्क में आकर उसने नकली वीज़ा छापने का काम शुरू किया।

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