जय हिन्द न्यूज/नई दिल्ली
पंजाब में विधानसभा चुनाव से पहले राजनीति से जुडी बड़ी खबर सामने आ रही है कि पंजाब कांग्रेस पार्टी अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू के खिलाफ 30 साल पहले दर्ज रोड रोज मामले में वीरवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होने जा रही है। सुप्रीम कोर्ट पीड़ित परिवार की याचिका पर सुनवाई करेगा।
मामला 27 दिसंबर 1988 का है, जब सिद्धू की कार पार्किंग को लेकर गुरनाम सिंह नाम के एक शख्स से कहासुनी हो गई थी और बात हाथापाई तक पहुंच गई और बाद में गुरनाम सिंह की मौत हो गई थी। सिद्धू और उनके दोस्त रुपिंदर सिंह संधू पर गैर इरादतन हत्या का केस दर्ज किया गया था।
साल 2006 में इस मामले में पंजाब और हरियाणा High Court ने सिद्धू को स्वेच्छा से चोट पहुंचाने के लिए दोषी ठहराया था और उन्हें 3 साल की जेल की सजा सुनाई थी। लेकिन बाद में सिद्धू ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और SC ने उन्हें 30 साल से अधिक पुरानी घटना बताते हुए 1000 जुर्माने पर छोड़ दिया था।
उधर, सुनवाई के दौरान शिकायतकर्ता की और से पेश वरिष्ठ वकील रंजीत कुमार और सिद्धार्थ लूथरा ने कहा कि सिद्धू के खिलाफ हत्या का मामला बनता है। सिद्धू को ये पता था कि वो क्या कर रहे हैं, उन्होंने जो किया समझबूझ कर किया, इसलिए उन पर हत्या का मुकदमा चलना चाहिए।
शिकायतकर्ता की ओर से कहा गया कि अगर ये रोड रेज का मामला होता तो टक्कर मारने के बाद चले जाते, लेकिन सिद्धू ने पहले गुरनाम सिंह को कार से निकाला और जोर का मुक्का मारा, जिससे उनकी मौत हो गई। लेकिन अब इस मामले में नया मोड़ आ गया है, क्योंकि पीड़ित परिवार द्वारा दायर की गई पुनर्विचार याचिका (Review Petition) पर सुप्रीम कोर्ट वीरवार को दोबारा सुनवाई करेगा।
पंजाब में कुछ दिनों बाद विधानसभा चुनाव होने वाले है। इस केस में दोबारा सुनवाई होना सिद्धू के लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है, क्योंकि नवजोत सिद्धू कांग्रेस पार्टी की तरफ से विधायक पद के लिए दावेदार है और अगर शीर्ष कोर्ट का फैसला ख़िलाफ़ रहा तो सिद्धू को तत्काल जेल भी जाना पड़ सकता है।