जय हिन्द न्यूज/जालंधर
पंजाब की जनता को बेहतर सोच के साथ सरकार देने के दावे के साथ चुनाव लड़ रही आम आदमी पार्टी के उम्मीदवारों की खुद की सोच कैसी है, जालंधर सैंट्रल हलके के उम्मीदवार रमन अरोड़ा इसका जीवांत उदाहरण बनकर इन दिनों खूब चर्चा में छाया हुआ है।
चुनाव टिकटों की घोषणा के दौरान जनता को अपनी गुंडई छवि का सीधा प्रसारण दिखाने वाले आम आदमी पार्टी के नेता क्या कम थे कि रमन अरोड़ा ने एक बयान में महिलाओं के उन अंगों के प्रति अपमानजनक टिप्पणी कर डाली जिससे निकले अमृत को पीकर हर कोई मैदान में डटकर मुकाबला करने का दम भरता है।
परिणाम यह कि समाज में इन दिनों आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार रमन अरोड़ा के खिलाफ यह चर्चा जोरों पर है कि उन्होंने ऐसा बोलकर अपनी घटिया सोच का प्रमाण पेश कर दिया है जिसका खमियाजा उनको प्रस्तावित विधानसभा चुनाव के दौरान भुगतना पड़ सकता है।
चर्चा के दौरान कसे जाने वाले तंजों में यह भी सुनने में आया है कि शायद रमन अरोड़ा ने अपनी मां का दूध नहीं पीया बल्कि वो बोतल वाले दूध पर पले है। शायद यही कारण है कि उनको महिला के उन अंगों के प्रति सम्मान नहीं है जहां से एक बच्चे के लिए अमृत छलकता है और उसे पीने वाले को ही मर्द कहते हैं।
शहर की काफी महिलाओं के साथ इस मुद्दे पर चर्चा करने पर उनका गुस्सा भी जमकर फूटा। उन्होंने कहा कि ऐसा बोलने वाले की सोच महिलाओं के प्रति कैसी हो सकती है, सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है। एक वृद्ध महिला ने अपने विचारों को पेश करते हुए कहा कि एक नेता से ऐसे विचारों की उम्मीद नहीं की जा सकती।
बहरहाल, खुद को आरोपी बनाए जाने के डर से सैशन कोर्ट अग्रिम जमानत लेने पहुंचे आम आदमी पार्टी के कैंडीडेट रमन अरोड़ा की जमानत अर्जी खारिज होने की खबर सामने आ रही है। ऐसा माना जा रहा है कि पुलिस रिपोर्ट के आधार पर कोर्ट ने उनकी अर्जी को फिलहाल खारिज कर दिया है। हालांकि सीआर.पी.सी. की धारा 438 की शर्तों के आधार पर उनके अधिकार की रक्षा को यकीनी बनाए रखने का आदेश एक बार फिर जारी किया गया होगा।
गौरतलब है कि विधानसभा चुनाव के पहले दौर के दौरान ही अपने बयान में आप कैंडीडेट रमन अरोड़ा ने पिछली सरकारों के वायदों की महिला अंगों के साथ समानता करते हुए व्यापारियों की ओर से उसको दबाते चले आने की बेहद आपत्तिजनक टिप्पणी कर दी थी जिसको लेकर खासा बवाल मचा हुआ है। इसको लेकर कुछ शिकायतें भी दायर हो चुकी है और मामला महिला आयोग के समक्ष भी उठाया जा चुका है। अब देखना शेष होगा कि इस मामले में आगे और क्या होता है।