जय हिन्द न्यूज/जालंधर
झूठा शपथ पत्र देकर राज्य सरकार की मीडिया पालिसी का लाभ उठा रहे एक छुटभैया भाजयुमो नेता चंदन भनोट पर जिला लोक संपर्क अफसर (डीपीआरओ) ने अपना कानूनी शिकंजा कसा है। पता चला है कि डीपीआरओ ने आरोपी चंदन भनोट का सरकारी लाभ हासिल करने वाला यैलो कार्ड जब्त कर लिया है।
दरअसल, डीपीआरओ को सूचना मिली थी कि एक अखबार के सहारे खुद को पत्रकार की केटेगरी में लाकर छुटभैया नेता चंदन भनोट भारतीय जनता पार्टी के लिए साथ काम कर रहा है जबकि उसने राज्य सरकार को यह शपथ पत्र देकर मीडिया वाला यैलो कार्ड हासिल किया था कि वो किसी राजनीतिक दल से संपर्क नहीं रखता।
डीपीआरओ कमल पाल ने कार्ड जब्त किए जाने की पुष्टि करते हुए बताया कि शिकायत के आधार पर आरोपी चंदन भनोट को नोटिस जारी किया गया था। आरोपी ने अपने लिखित बयान में यह स्वीकार किया कि उसने भाजपा ज्वाइन की थी लेकिन कार्ड लेने के बाद छोड़ दी लेकिन वो पार्टी को छोड़ने का कोई प्रमाण पेश नहीं कर पाया।
श्री पाल ने बताया कि जांच के दौरान उनके ध्यान में आया कि आरोपी चंदन भनोट सरकारी यैलो कार्ड लेने के बाद भी राजनीतिक गतिविधियों में शामिल होता रहा जिसके सबूत राजनीतिक दल का व्हाट्सएप ग्रुप में प्रसारित तथा अखबारों में रिपोर्ट खबरें हैं।
यहां बता दे कि सरकारी यैलो कार्ड हासिल करने वाले पत्रकारों को राज्य सरकार के टोल प्लाजा पर फीस से छूट प्रदान है। कार्ड धारक को पांच लाख रुपए के बीमा का लाभ भी मिलता है। इसी प्रकार राज्य सरकार की ओर से भेजे जाने वाले सारे उपहार भी लाभ की श्रेणी में शामिल है।
उधर, कानूनविदों की माने तो ऐसा किया जाना राज्य सरकार के साथ सीधे तौर पर ठगी है जिस के खिलाफ आईपीसी की धारा 191 और 420 के तहत एक्शन लेने का प्रावधान तय है। ऐसी सूरत में आरोपी के खिलाफ कोई भी पुलिस या सीधे कोर्ट में केस भी दर्ज करवा सकता है।
बहरहाल, अब देखना शेष होगा कि आरोपी चंदन भनोट के खिलाफ राज्य सरकार का लोक संपर्क विभाग कब और क्या एक्शन लेता है या फिर कोई प्रभावित पक्ष जन हित में इस मामले को कोर्ट के समक्ष ले जाता है।