जय हिन्द न्यूज़/जालंधर
जालंधर में एक बड़ी सेल को लेकर पिछले दो दिनों से किया जा रहा प्रचार झूठ का पुलिंदा पाया गया है। सेल की सूचना में बताया जा रहा था कि पारिवारिक क्लेश के कारण लुधियाना वूलेन गारमेंट उद्योग का एक बड़ा परिवार बिखर गया है। कई फैक्ट्रियां बंद हो गई हैं और अब परिवार वूलेन गारमेंट का व्यापार नहीं करेंगे। यह सब फर्जी दावा पाया गया है।
यह भी तस्दीक हुआ है कि जो इस सूचना में कहा गया था कि इन बंद पड़ी फैक्ट्रियों का वूलन गारमेंट्स का करोड़ों रुपए का न्यू फ्रेश स्टाक बिल्कुल कम दाम में देश भगत यादगार हाल में बेचा जा रहा है। 1000 से लेकर 4000 रुपए वाले ब्रांडेंड कपड़े वह महज 250 से 500 रुपए में दिए जा रहे है, वो दरअसल डिफेक्टिव माल की सेल लगाई गई है।
लुधियाना के इंडस्ट्रियलिस्ट्स भी बोले – सावधान जालंधर झांसे में मत आना
मीडिया ने जब इसकी जालंधर के देश भगत यादगार हाल और लुधियाना के वूलेन इंडस्ट्री के घरानों से बात की तो माजरा कुछ और ही निकला। लुधियाना के वूलेन इंडस्ट्रियलिस्ट्स हरीश केयरपाल ने बताया कि लुधियाना की वूलेन इंडस्ट्री का कोई भी परिवार बिखरा नहीं है, न ही किसी की कोई फैक्ट्री बंद हुई है। यह सब महज पुराने और बेकार कपड़े बेचने का स्टंट हैं।
उधर, देश भगत यादगार हाल में देखा गया कि जो कपड़े बेचे जा रहे हैं, वो काफी पुराने और फैक्ट्री से आउट किया गया माल है। जो फैक्ट्री में किलो के हिसाब से खरीद कर यहां कौड़ियों के भाव बेचने का दावा किया जा रहा है। अगर आप भी देश भगत यादगार हाल में ब्रांडेड कपड़े खरीदने की हसरत लेकर जा रहे हैं, तो सावधान रहें कि वहां कोई ब्रांडेड कपड़ा नहीं, बल्कि फैक्ट्री से किलो के हिसाब से खरीदे गए कपड़े बेचे जा रहे हैं। बहरहाल, मामला उपभोक्ता मंत्रालय के पास पहुँच गया है।