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साजिशन सरकारी जमीन हथियाने वाले जालंधर के चर्चित बिजनेसमैन बाप-बेटा को नहीं मिली राहत, कोर्ट ने रिजैक्ट की कैंसलेशन रिपोर्ट, सिटी पुलिस को दोबारा जांच का आदेश, शिकायतकर्ता पक्ष दोनों की अरैस्ट पर अड़ा, पढि़ए कानून के सामने कैसे बौने साबित हुए सिस्टम को खरीदने वाले रईस

By RAJESH KAPIL

Published on 29 Nov, 2021 02:27 PM.

        जय हिन्द न्यूज/जालंधर

 

 

नकोदर रोड स्थित पंजाब सरकार की प्राइम लोकेशन वाली बेशकीमती 6 कनाल 17 मरले जमीन को साजिश के तहत अपने रिहायशी फ्लैट प्रोजैक्ट "सिल्वर ओक" में मिलाकर बेचने वाले चर्चित बिजनेसमैन बाप-बेटा अनिल चोपड़ा व राजन चोपड़ा को सरकारी तंत्र मैनेज करने के बावजूद भी क्रिमिनल केस से राहत नहीं मिल पाई है।

 

 

 

 

जानकारी मिली है कि कोर्ट ने दोनों आरोपी बाप-बेटा अनिल चोपड़ा व राजन चोपड़ा को सिटी पुलिस की ओर से 2014 में आईपीसी की धारा 420, 465, 467, 468, 471 के तहत दर्ज केस में राहत देने से इंकार कर दिया है। कोर्ट ने यह फैसला थाना भार्गव कैंप की पुलिस द्वारा पेश केस की केंसलेशन रिपोर्ट पर गत दिवस सुनाया। कोर्ट ने माना कि केस में काफी दस्तावेजी सबूत है इसलिए इसकी आगे जांच की जाए।

 

 

 

दरअसल, सिटी पुलिस ने साल 2014 में सिल्वर ओक वैल्फेयर सोसाइटी के तत्कालीन प्रधान नरेश कुमार सरना की शिकायत पर फ्लैट बनाने वाली कंपनी सैंट सोल्जर प्रॉपर्टीज एंड इंडस्ट्रीज लिमिटेड के चेयरमैन अनिल चोपड़ा और प्रोजैक्ट डायरैक्टर राजन चोपड़ा के खिलाफ एसीपी रविंदरपाल सिंह संधू की जांच रिपोर्ट के आधार पर केस दर्ज किया था।  जांच में एसीपी ने दोनों बाप-बेटा को साजिश के तहत तैयार किए जाली दस्तावेजों को तैयार करके सरकारी जमीन का दोषी पाया था।

 

 

 

 

केस दर्ज होने के बाद दोनों रईस बाप-बेटा ने सरकारी तंत्र पर अपना प्रभाव बनाकर विवादित सरकारी जमीन को खरीद लिया था और पुलिस केस को खारिज करवाने के लिए सिटी पुलिस को आदेश जारी करवा दिया था। अत: इसी क्रम में थाना पुलिस ने कोर्ट में कैंसलेशन रिपोर्ट पेश की थी। मगर कोर्ट के बुलाने पर पेश हुए शिकायतकर्ता ने पुलिस जांच के प्रति असहमति जताई जिस पर कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया।

 

 

 

 

बहरहाल, कोर्ट के ताजा फैसले के बाद सिटी पुलिस को अब दोनों के खिलाफ कार्रवाई का रुख अख्तियार करना पड़ सकता है। शिकायतकर्ता पक्ष की माने तो पुलिस को अब दोनों आरोपी बाप-बेटा की गिरफ्तारी के लिए दबाव बनाया जाएगा क्योंकि जिन धाराओं के तहत केस दर्ज है, उसमें आरोपी को सीधे गिरफ्तार किया जा सकता है।

 

 

 

 

उधर, इस बाबत जब आरोपी पक्ष के राजन चोपड़ा से संपर्क किया गया तो उन्होंने कहा कि उनकी तरह से इस मामले में माननीय पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में क्वैशिंग पटीशन दायर की हुई है जोकि विचाराधीन है। हालांकि क्वैशिंग पटीशन पर कोई स्टेआर्डर नहीं है। और इस आश्य पर राजन चोपड़ा भी स्पष्ट उत्तर नहीं दे पाएं है।

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