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सुधर रहे नशेड़ी को झूठे केस में फंसाने की धमकी देकर मांगी रिश्वत, जालंधर के इस पुलिस चौंकी इंचार्ज व हवलदार पर केस, दो एसएसपी की सीक्रेट जांच के बाद हुई कार्रवाई   

By RAJESH KAPIL

Published on 26 Nov, 2021 01:35 PM.

        जय हिन्द न्यूज/जालंधर

 

पंजाब सरकार की सख्ती और पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट के कड़े संज्ञान लेने के बावजूद पंजाब पुलिस के कुछ मुलाजिम सुधरने का नाम नहीं ले रहे हैं। राज्य सरकार नशा लेने वाले युवाओं को सुधराने का प्रयास कर रही हैं लेकिन चंद पुलिस वाले आज भी उनको नशे की ओर धकेलेने के लिए अपनी रिश्वत की गंदी आदतों से छुटकारा नहीं पा रहे हैं।

 

 

 

 

अंतत: ऐसे ही दो पुलिस मुलाजिमों का इलाज स्टेट विजिलेंस ब्यूरो की जालंधर रेंज के एसएसपी दलजिंदर सिंह ढिल्लों ने जालंधर ग्रामीण पुलिस के एसएसपी सतिंदर सिंह के साथ मिलकर किया है। जानकारी मिली है कि दोनों अफसरों ने एक शिकायत पर कार्रवाई करते हुए थाना आदमपुर अधीनस्थ चौकी जंडूसिंघा के इंचार्ज सुखदेव सिंह और हवलदार हरदीप सिंह के खिलाफ थाना आदमपुर में मामला दर्ज किया है।

 

 

 

पता चला है कि स्टेट विजिलेंस ब्यूरो की सीक्रेट रिपोर्ट के आधार पर गत दिवस आदमपुर के एएसपी अजय गांधी ने एक अन्य डीएसपी को साथ लेकर पुलिस चौंकी जंडूसिंघा पर रेड की थी जिस दौरान उनको वहां से दोनों आरोपी पुलिस वालों के कब्जे से नशे की पुडि़ंयां बरामद हुई। इसके अलावा दोनों अफसरों ने वो बाइक व मोबाइल फोन भी बरामद कर लिया है जिसको दोनों आरोपी पुलिस वालों ने शिकायतकर्ता से जबरन लेकर अपने कब्जे में रख लिया था।

 

 

स्टेट विजिलेंस ब्यूरो जालंधर रेंज के एसएसपी दलजिंदर सिंह ढिल्लों ने संपर्क करने पर बताया कि नामजद दोनों पुलिस वालों के खिलाफ एक नशेड़ी युवक ने शिकायत दी थी कि उसको नशा मुक्ति सैंटर से डोज लेकर वापिस आते समय दोनों ने हिरासत में लिया था। काफी समय बैठाकर रखने के बाद दोनों ने 20 हजार रुपए रिश्वत की मांग की थी और मोबाइल तथा मोटरसाइकल अपनी अवैध कस्टडी में रख लिया था।

 

 

 

 

शिकायत करने वाले युवक ने बताया कि उसके पास 20 हजार रुपए नहीं थी इसलिए ट्रैप बन नहीं पाया तो इसकी सीक्रेट रिपोर्ट बनाकर जिला ग्रामीण पुलिस के एसएसपी सतिंदर सिंह को भेजी गई थी जिन्होंने अपने दो अफसरों की टीम को रेड करने का आदेश जारी किया था। श्री सिंह ने बताया कि दोनों के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट तथा अन्य धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया है जबकि विजिलेंस केस दर्ज करने के लिए ब्यूरो चीफ का पास अप्रूवल के लिए भेजा गया है। 

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