जय हिन्द न्यूज/जालंधर
पंजाब में कैप्टन अमरिंदर सिंह के मुख्यमंत्री रहते चांदी कूटने के साथ-साथ अवैध इमारतों और कालोनियों के निर्माण करने व करवाने वाले कांग्रेस नेताओं की चन्नी सरकार आने के बाद शामत आने लगी है। कांग्रेसी नेता एवं आरटीआई एक्टिविस्ट सिमरनजीत सिंह की शिकायतों व हाईकोर्ट में दायर याचिका के चलते जहां नगर निगम जालंधर इन दिनों कांग्रेस के ही छुटभैया नेताओं की अपनी और उनकी शह पर बनी अवैध इमारतों व कालोनियों के खिलाफ सख्त एक्शन ले रहा है, वहीं पंजाब पुलिस भी छुटभैया कांग्रेसी नेताओं के खिलाफ व उनके समर्थकों पर रूकी एफआईआर को तेजी से दर्ज करके कानून पर एकछत्र राज जमाए बैठे छुटभैया नेताओं की कमर तोड़ रहा है।
बात नगर निगम की करें तो बीते कुछ दिनों में जितने भी एक्शन लिए गए उसमें सारी इमारतें व कालोनियां कांग्रेस से जुड़े छुटभैया नेताओं की ही बताई जा रही है। निगम के एक्शन से सबसे ज्यादा किसी कांग्रेस नेता की मिट्टी पलीद हो रही है, तो वह माडल हाउस के नेता मेजर सिंह की बताई जा रही है जो पंजाब सरकार में खादी बोर्ड डायरैक्टर है और सदैव खुद को कदावर नेता साबित करने की कोशिशें में लगा रहता है।
जानकार बताते हैं कि पहले इनकी दर्जन भर अवैध कालोनियों पर पहले निगम ने एक्शन लेकर उनको ढाह दिया, फिर उनकी अवैध कालोनियों की रजिस्ट्री पर रोक लगाकर मेजर सिंह का “हुक्का पानी” बंद करने का काम किया तो अब माडल हाउस के माता रानी चौक स्थित छोटे से रेस्तरां “दाना-पानी” जहां से उनके घर की दो वक्त की रोटी चलती थी, उस इमारत के कमाई वाले हिस्से पर भी नगर निगम के एटीपी वजीर राज ने “वजीर-ए-आजम” के आदेश पर गर्म-गर्म सील लगाकर उसको मेजर से “माइनर” बनाकर रख दिया है।
नगर निगम की इस कार्रवाई के बाद खुद को सदैव कदावर साबित करने की कोशिशों में लगे रहने वाले कांग्रेसी मेजर सिंह की इमारत के बाहर खड़े लोग बातें करते सुनाई दिए कि सा..खुद को बहुत बड़ा समझता था, मगर यह तो छुटभैया निकला। यही नहीं कुछ लोग तो उसके बारे में अनाप-शनाप भी बोल रहे थे कि वो “सप्लाई” का धंधा भी करता है मगर वो स्पष्ट नहीं कर पाए कि आखिर क्या सप्लाई करता है।
बहरहाल, चन्नी सरकार की सख्ती देखकर एक बात तो स्पष्ट हो गई है कि अवैध इमारतों व कालोनी के खिलाफ शिकायत करने कांग्रेसी नेता एवं आरटीआई एक्टिविस्ट सिमरनजीत सिंह को ब्लैकमेलर कहकर बदनाम करने की कोशिश करने वाले कांग्रेसी नेता मेजर सिंह अब खुद “टैक्स चोर मचाए शोर” वाले लोगों की श्रेणी में शामिल हो गए हैं। जानकार यह भी बतातें है कि कांग्रेसी नेता मेजर सिंह ने शोर मचाने के लिए वेतन पर कुछ “भाड़े के टट्टू” भी पाल रखे है जिनका इस्तेमाल वो फोके धरने-प्रदर्शन करने के लिए भी करता और खुद को “दूध का धुला” साबित करने की कोशिश करता है।
नगर निगम के निशाने पर माइनर सिंह के अलावा मिठपुर स्थित दुकान, दोआबा चौक स्थित कांग्रेसी माइक की बिल्डिंग, शिवाजी नगर स्थित कांग्रेसी नेता की अवैध कालोनी को ढहाया तथा लैदर काम्पलैक्स स्थित इंडस्ट्रीयल अवैध कालोनी को तबाह किया। इसी तरह शातिर ठगी का आरोपी माडल टाउन जालंधर स्थित संजय कराटे सैंटर का मालिक संजय शर्मा भी आया है। आरोपी संजय कराटेया को भी अपनी ऊंची पहुंच का बड़ा अहंकार था कि वो कुछ भी गलत व गैरकानूनी कर ले मगर कोई उसका कुछ नहीं बिगाड़ सकता लेकिन नगर निगम ने उसकी गैरकानूनी इमारत में खुले गैरकानूनी रेस्तरां को भी सील कर दिया। इससे पहले आरोपी संजय कराटेया के खिलाफ जालंधर पुलिस ने थाना 6 में ठगी का केस दर्ज किया था जिसमें उसको सशर्त जमानत मिल चुकी है लेकिन इस इमारत को लेकर अभी भी कोर्ट-कचहरी का सिलसिला जारी है।
कराटे कोच संजय के अलावा भी जालंधर ग्रामीण पुलिस ने शहर में कांग्रेस के छुटभैया नेता के सिर पर उछलते फिर रहे होटल रमाडा एनकोर तथा रागा मोटर्स के संचालक गौरव चोपड़ा तथा वासल मॉल तथा मैरिज पैलेस पैटल्स के मालिक रामप्रकाश वासल के खिलाफ पत्नी व बेटे समेत क्रिमिनल केस दर्ज किया है जिसमें चारों गिरफ्तारी के डर से अदालत में अर्जी लेकर पहुंचे हैं और राहत की उम्मीद लगाए पुलिस से छिपते फिर रहे हैं। इसी तरह कांग्रेस के ही छुटभैया नेता के सिर पर उछलते रहे वासल व सर्वोदय अस्पताल के डाक्टर पंकज त्रिवेदी पर भी सिटी पुलिस ने चन्नी सरकार बनते ही शिकंजा कसा जिसके बाद से डाक्टर त्रिवेदी भूमिगत हो गए तथा गिरफ्तारी से बचने के लिए कानूनी तरीके से हार-पैर मार रहे हैं।
अब देखना शेष होगा कि आने वाले समय में नगर निगम जालंधर अन्य विधानसभा क्षेत्रों में हुए अवैध निर्माण व विकसित अवैध कालोनियों के खिलाफ कब कार्रवाई करता है जिसमें माई हीरां गेट स्थित किरण बुक वाली बड़ी दुकान जिसको सील लगाई लेकिन वो फिर भी खुल गई जिसका निर्माण घरेलू जमीनों को जोड़कर कामर्शियल में तबदील करके रातों-रात “इक दा लक्ख” बनाया गया है। इसी प्रकार चरणजीतपुरा क्षेत्र के बाहर भी अनिल रैस्टोरैंट वाले ने कांग्रेस नेता की शह पर अवैध कामर्शियल निर्माण करके बिना पार्किंग स्पेस छोड़े इतना बड़ा तामझाम खड़ा कर लिया है जिससे आने वाले समय में वहां पहले से भी ज्यादा भीड़-भाड़ होने से क्षेत्र का आवागमन चरमराने की प्रबल संभावना बनी हुई है।
क्रमश: