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अंतत: विवादों व आरोपों से घिरा साईं ओवरसीज आया केंद्रीय एजैंसी की जांच के दायरे में, दिन चढ़ते हुई रेड, दफ्तर व आवासीय परिसर एक साथ किए सील, जांच-पड़ताल का सिलसिला जारी, जानिए क्या मचा था "रोल्ला"

By RAJESH KAPIL

Published on 18 Oct, 2021 12:15 PM.

            जय हिन्द न्यूज/जालंधर

बीते कुछ सालों के दौरान मोटी गेम करने वाले ट्रेवल फर्म साईं ओवरसीज के मालिक बलजिंदर सहगल को केंद्रीय जांच एजैंसी ने अपनी जांच के घेरे में लिया है। आज दिन चढ़ते ही एक जांच दल ने पंजाब पुलिस की टुकड़ी के साथ फर्म के दफ्तरों व आवासीय परिसरों पर एक साथ दस्तक दी।

 

 

 

जम्मू-कश्मीर नंबर वाली कारों में सवार होकर आए जांच दल को सुरक्षा देने वाले पुलिस जवानों की माने तो यह इंकम टैक्स वाले हैं। स्थानीय बस स्टैंड के निकट स्थित फर्म के दफ्तर के दरवाजें सुबह से ही बंद करके जांच का सिलसिला जारी बताया जा रहा है।जांच में खुद फर्म संचालक बलजिंदर सहगल शामिल हुए हैं या नहीं इसकी पुष्टि फिलहाल नहीं हो पाई है लेकिन सूत्रों के हवाले से खबर मिली है कि जांच के घेरे में आया फर्म संचालक बलजिंदर सहगल कुछ दिन पहले ही परिवारिक सदस्यों के साथ विदेश के लिए रवाना हुआ था।

 

 

 

 

उधर, साईं ओवरसीज के केंद्रीय एजैंसी की जांच के दायरे में आने से कुछ अन्य ट्रेवल ट्रेड वालों के चेहरे की हवाईयां उड़ी बताई जा रही है जो साईं के साथ प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से मिलकर कारोबार करते रहे हैं। सूत्रों की माने तो जांच के दायरे में कुल 18 ट्रेवल एजैंटों का लाया जा रहा है।

 

 

 

 

गौरतलब है कि साईं ओवरसीज के नाम से एक शोर बीते कुछ सालों से मच रहा है कि वो स्टूडैंट वीजा दिलाने की आड़ में गलत ढंग से बैंक फंड दिखाने का खेल खेलते आ रहे हैं। हालांकि इस बाबत कोई जांच खुले ढंग से नहीं हुई थी और न ही आरोप किसी एजैंसी ने साबित किए या क्लीन चिट दी थी। ऐसा माना जा रहा है कि यह शोर सुनकर केंद्रीय जांच एजैंसियां इस दिशा में अपनी जांच कर रही थी कि आज गहन जांच से पहले इंकम टैक्स विभाग को जांच के लिए भेजा गया है। जैसा कि केंद्रीय जांच एजैंसियों की प्रथा है कि पहले इंकम टैक्स विभाग किसी को टैक्स चोरी का दोषी ठहराता है और उसके बाद चोरी में सहयोगियों पर शिकंजा कसा जाता है और फिर अंत में जाकर मनी लांड्रिंग की दिशा में जांच की जाती है। मगर देखना शेष होगा कि प्राथमिक जांच में साईं ओवरसीज के मालिक बलजिंदर सहगल को दोषी पाया जाता है या फिर उनको क्लीनचिट मिलती है। हालांकि इस दौरान ब्लैकमनी सरैंडर करने का विकल्प भी दिया जाता है।

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