जय हिन्द न्यूज़/जालंधर
जिला उपभोक्ता फोरम ने इलाज में लापरवाही से हुई गर्भवती महिला की मौत के आरोप पर मोहर लगाते हुए स्थानीय रामामंडी स्थित गुडविल हॉस्पिटल एंड मेटरनिटी होम, डॉ. डिंपल शर्मा गायनाकोलॉजिस्ट व सर्जन डॉ. राहुल गुप्ता पर 5.50 लाख रुपए जुर्माना लगाया है। डाक्टरों को 50 हजार रुपए मुआवजे के भी आदेश दिए गए हैं। आयोग ने फैसला सुनाते हुए अस्पताल व दोनों डॉक्टरों को इलाज में कोताही का जिम्मेदार ठहराया है।
मामला 2017 का है। जब 28 सितंबर को जालंधर कैंट निवासी गगन की गर्भवती पत्नी बबीता को अस्पताल दाखिल करवाया गया। अस्पताल ने बताया कि उसकी हालत नाजुक है। जच्चा-बच्चा में से किसी एक को बचाया जा सकता है।
इसके बाद आपरेशन किया गया, लेकिन बबीता को 'ऑक्सीटोसन' इंजेक्शन नहीं लगाया। ब्लीडिंग ज्यादा होने से यूट्रेस निकाल दिया गया। इसके बाद भी उसकी हालत स्थिर नहीं हुई और उसे 29 सितंबर को लुधियाना के एसपीएस अस्पताल में रेफर कर दिया, जहां उसकी मौत हो गई।
जिंदगी में इतनी बड़ी चोट खाने के बाद सदमे से खुद को उबारते हुए गगन ने 20 नवंबर, 2018 को एडवोकेट जतिंदर अरोड़ा के माध्यम से जिला उपभोक्ता शिकायत निवारण आयोग में केस दायर किया।
श्री अरोड़ा जोकि जालंधर कैंट का एक जाना-माना नाम है और न्याय दिलाने के लिए दिन-रात एक करते हैं। श्री अरोड़ा और उनकी कानूनी लड़ाई में उनके सेनापति एडवोकेट राहुल ने दो साल तक फोरम की चौखट पर समय पर दस्तक दी और हर सबूत को पेश करते हुए ठोस दलीलें भी पेश की।
फोरम ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनीं और पाया कि मेडिकल लापरवाही से ही गर्भवती बबीता की मौत हुई है और फैंसला अस्पताल और अस्पताल संचालक के खिलाफ सुनाया।