जय हिन्द न्यूज़/जालंधर
क्रिमिनल केसों को लेकर सदैव चर्चा में रहने वाले अति विवादित मुस्लिम नेता कलीम आज़ाद जिनको हाल ही में पंजाब वक्फ बोर्ड ने भ्रष्टाचार के संगीन आरोपों के चलते अपदस्त कर दिया था, को लेकर नई खबर अपडेट हुई है।
खबर यह है कि कानूनी रूख अपनाने पर बोर्ड ने कलीम आज़ाद को अपदस्त किए जाने का फ़ैसला वापिस लेकर पंजाब वक्फ बोर्ड के मेंबर पद पर बहाल कर दिया गया है। बोर्ड ने अंडरटेकिंग दी है कि अब कलीम का पक्ष सुनने के बाद ही उसके खिलाफ एक्शन लिया जाएगा।
दरसअल, आरोप के आधार पर लिए बोर्ड के त्वरित फैंसले के खिलाफ आरोपी कलीम ने पंजाब एंड हरियाणा हाइकोर्ट में एक सिविल रिट पिटीशन दायर कर खुद को अन्याय का शिकार बताकर इंसाफ की गुहार लगाई थी। आरोपी कलीम को रंज था कि उसको सुने बिना बोर्ड ने एकतरफा कार्रवाई की है।
गत दिवस सुनवाई के दौरान वक्फ बोर्ड ने अपना पक्ष शपथपत्र के रूप में पेश किया जिसमें कालीम आज़ाद पर लगे संगीन और तथ्य आधारित आरोपों की जानकारी देते हुए मामला उच्च स्तरीय जांच के लिए भेजने की बात भी कही जाने की खबर है। बहरहाल, कलीम ने अपनी याचिका वापिस ले ली है।
उधर, ज्ञात हुआ है कि इस दौरान कलीम ने एक-एक करके अपने दुश्मनों को दोस्त बनाना शुरू कर दिया है। इससे सबसे ज्यादा धक्का समाज के उन लोगों को लगा है जो आरोपी कलीम के खिलाफ अपनी लड़ाई में नासिर सलमानी को सेनापति बनाकर चल रहे थे।
याद करा दे कि यह वही नासिर सलमानी है जिसने आरोपी कलीम आज़ाद के खिलाफ मोर्चा खोल रखा था। नासिर ने कलीम पर समाज के लोगों के साथ लूट-खसूट करने का दावा करते हुए पुलिस में शिकायतें दी थी, धरने भी लगाए थे।
यही नहीं, अभी और सुनिए
नासिर और कलीम के मध्य कोर्ट-कचहरी भी खूब चल रही थी कि इसी दौरान नासिर सलमानी को पंजाब माइनॉरिटी कमीशन का मेंबर बना दिया गया। समाज के मुआज़िज़ लोगों को उम्मीद थी कि नासिर ने जो आरोप लगाए, उस पर अड़िग रहेंगे और साबित करके दिखायेंगे, मगर यह हो न सका।
"End of the day" हुआ भी क्या कि आज वो "थूक कर चाटने" वाली कहावत सार्थक हो गई, अर्थात कल तक "तेरी पैन दी, तेरी 'कापी' दी" करने वाले आज एक दूसरे को गुलदस्ते भेंट करके समाज को यह संदेश देते दिखाई दिए, मानों जो हुआ है, हुआ कुछ नहीं है"।
अब समाज के सामने सवाल जन्म ले चुके हैं कि......
दोनों ने फिलहाल इस पर कोई विचार व्यक्त नहीं किए हैं लेकिन अवाम दोनों के विचार, अकेले या सांझे सुनने के लिए बेकरार है। हमको भी उनके विचार प्रकाशित करने की उत्सुकता रहेगी लेकिन एक बात साफ है कि समाज कुछ नेताओं से नाखुश है जिसका लावा जल्द फूटने वाला है।अब दोनों बोले या न बोले लेकिन नासिर और कलीम को लेकर अंदर खाते क्या-क्या खिचड़ी पकी है, इसकी खुशबू जल्द पूरी अवाम तक पहुचायेंगे। सनद रहे।