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टैक्स चोरों पर "डी.के" की सख्ती या पूर्व एसीएसटी "बी.के" के खिलाफ एडीशनल एवीडैंस डिवैल्प/क्रिएशन है पॉसर का "ट्रैप", पढ़िए विशेष रिपोर्ट

By RAJESH KAPIL

Published on 12 May, 2021 05:53 PM.

 जय हिन्द न्यूज/जालंधर

पंजाब जीएसटी (इन्वैस्टीगेशन विंग) के अस्सिटैंट कमिश्नर ऑफ स्टेट टैक्सेज जालंधर दीपेंद्र सिंह गरचा AETC की शिकायत पर स्टेट विजिलेंस ब्यूरो की जालंधर रेंज ने गत दिवस पॉसर वरुण महाजन को सरकारी अफसर को 50 हजार रुपए रिश्वत देने के आरोप में रंगे हाथ गिरफ्तार किया। रिश्वत देने का उद्देश्य यह कि इस रकम के बदले उसको प्रतिमाह टैक्स चोरी की छूट दी जाए और उसका जितना भी माल आए, उसको चैक तक न किया जाए।

 

 

 

गत दिवस यह मामला जैसे ही सामने आया, सभी के गले में अटक गया क्योंकि अकसर विजिलैंस ब्यूरो किसी न किसी सरकारी अफसर या कर्मचारी को रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार करती है और वरुण महाजन की रिश्वत केस में गिरफ्तारी बरसों बाद सामने आया अनोखा मामला था। किसी ने बोला यह खबर गलत है तो किसी ने लिखा कि यह उलटी गंगा कैसे बह गई इत्यादि-इत्यादि।

 

 

 

जय हिन्द प्रमुख ने जैसे ही इस रोचक मामले के तमाम तथ्यों का बारीकी से अध्ययन किया तो कई सारे सवाल खड़े हो गए लेकिन ब्यूरो का कोई अधिकारी उनके जबाव देने से कन्नी काट रहे हैं। दूसरी तरफ जब जीएसटी विभाग के सभी मामलों को जांच के एक धागे में पिरौना शुरू किया तो यह एक माला के रुप में दिखने लगी जिससे स्पष्ट हुआ कि दरअसल विजिलैंस ब्यूरो टैक्सेशन विभाग के अधिकारियों की मदद से ही जीएसटी स्कैम को प्रूव करने के लिए तमाम टूटे लिंक जोड़ रही है जिसके लिए उनको यह रिश्वत का ट्रैप भी उस कड़ी में शामिल करना पड़ा।

 

 

 

आइए, अब आपको टैक्सेशन विभाग की कुंडली के कुछ पटल खोलकर बताते है कि आखिर यह सब क्यों चल क्या रहा है और किसके लिए चल रहा है। जी हां, आपके जहन में जिस टैक्सेशन अधिकारी का नाम आया, वो ही पूरे मामले में निशाने पर चल रहा है। एकदम सही, बलबीर कुमार विरदी यानि बी.के विरदी जिसको जीएसटी घोटाले में किसी ईटीओ ने विजय कुमार विरदी संबोधित करके अपना बयान दर्ज करवाया था मगर पोस्ट सही बताई थी।

 

 

 

दरअसल, बीते कल जिस पॉसर/एजैंट वरुण महाजन को 50 हजार रुपए रिश्वत (बतौर टैक्स चोरी महीना) देने के आरोप में जिस टैक्सेशन ऑफिसर दीपेंद्र सिंह गरचा ने विजिलैंस के ट्रैप में गिरफ्तार करवाया गया, वो AETC लेवल के अधिकारी है जिस कुर्सी पर उनसे पहले किसी समय जीएसटी घोटाले के संदिग्ध आरोपी बलबीर कुमार विरदी यानि बी.के. विरदी काफी लंबे समय तक और उससे पहले इसी विंग में बतौर ईटीओ भी तैनात रहे हैं।

 

 

 

अब चूंकि जीएसटी स्कैम में गिरफ्तार एक ईटीओ की डिसक्लोजर स्टेटमैंट के आधार पर विजिलेंस ब्यूरो (फ्लाइंग स्कवॉयड) की ओर से नामजद किए डीईटीसी बलबीर कुमार विरदी यानि बी.के. विरदी के खिलाफ कोई और ठोस सबूत ब्यूरो के पास नहीं है और उनको हाल ही में माननीय पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट से अग्रिम जमानत अर्जी की सुनवाई के दौरान अंतरिम राहत यानि गिरफ्तारी पर रोक की छूट मिली है, को ब्यूरो ऐसे ही राहत की सांस नहीं लेने देना चाह रहा होगा जिसके लिए संभवत: ब्यूरो लगातार एडीशनल एवीडैंस डिवैल्प/क्रिएट कर रहा है।

 

 

 

अब यह तथ्य गौर करने लायक है कि पॉसर/एजैंट वरुण महाजन को उसी पोस्ट के अधिकारी को रिश्वत देने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है जिस पोस्ट पर किसी समय जीएसटी घोटाले के संदिग्ध आरोपी बी. के विरदी पदासीन रहे हैं और इस केस के माध्यम से यह एवीडैंस भी डिवैल्प/क्रिएट हो सकती है कि यही 50 हजार रुपए की रिश्वत वो संभवत: पहले इसी पोस्ट पर पदासीन रहे बी.के विरदी को भी देकर टैक्स की चोरी करता रहा है। और यही फैक्ट विजिलैंस ब्यूरो की जालंधर रेंज ने आज वरुण महाजन की रिमांड पेशी के दौरान भी कोर्ट के समक्ष रखकर रिमांड मांगा।

 

 

 

अब कोई बड़ी बात नहीं कि विजिलैंस ब्यूरो इसी फैक्ट को माननीय पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में आरोपी बी.के विरदी की बेल की सुनवाई में बतौर एडीशनल एविडैंस पेश किया जाए और माननीय हाईकोर्ट को यह दलील देकर कि देखिए इस पोस्ट पर बैठे अधिकारी को टैक्स चोरी करने वाले खुलेआम रिश्वत देते हैं, आरोपी विरदी की बेल रिजैक्ट करवाने पर पूरा जोर लगाया जाए जिसकी सुनवाई 13 मई को होगी थी मगर अब 17 मई 2021 को होगी।

 

 

 

दूसरा फैक्ट यह भी कि इससे पहले भी इसी टैक्सेशन अधिकारी दीपेंद्र सिंह गरचा की टीम ने कुछ महीने पहले थाना 3 एक एफआईआर एजैंट/पॉसर/ट्रांसपोर्टर रवि कपूर उर्फ रवि कुज्जा और उसके भाई पर सरकारी डयूटी में खखल डालने के आरोप में करवाई, उस मामले से जुड़ी एक वीडियो में भी रवि कुज्जा सरेआम कहता सुनाई दिया है कि उसके पास डायरियां पड़ी है जिसमें टैक्सेशन अफसरों को महीना देने का रिकार्ड दर्ज है। हालांकि उक्त मामले में किसी की भी गिरफ्तारी नहीं हो पाई है और जांच चल रही है।

 

 

 

सर्वविदित है कि बीते समय में रवि कुज्जा रेलवे के जरिए काफी भारी मात्रा में खेप मंगवाता रहा है और कभी-कभार ही उसका माल पकड़ा गया होगा। मगर उस पर दर्ज एफआईआर से जुड़ी घटना की वीडियो ने यह सवाल खड़ा कर दिया है कि अगर वो भी बिलों पर माल मंगवाता रहा है, तो वीडियो में जिन डायरियों का वो जिक्र कर रहा है जिसमें अफसरों को महीना देने की बात लिखी है, वो किसको देता था।

 

 

 

सवाल, सरकारी डयूटी में खलल के आरोपी रवि कुज्जा का यह वीडियो बयान स्वत: संकेत दे रहा है कि वो भी संभवत: उस समय के दौरान महीना देता रहा है, जब विरदी अब वाले अफसर गरचा की कुर्सी पर तैनात था। बहरहाल, यह सारे तथ्य जांच का विषय है जिसकी जांच किसी न किसी स्तर पर जारी है।

 

 

मगर टैक्सेशन विभाग से जुड़े मामलों के तथ्य कोई भी उसकी जांच बहुत जरूरी है क्योंकि कहीं न कहीं यह चर्चा भी सुनने को मिल रही है कि बी.के को निशाना बनाया जा रहा है। विराम से पहला यह कहना जरूरी है कि अभी काफी इंतजार करना होगा कि अब "बी.के" को निशाना सही बनाया जा रहा है या फिर साजिशन, यह तस्वीर भविष्य में जाकर ही साफ होगी।

 

 

बहरहाल, आज का अपडेट यह है कि सरकारी अफसर गरचा को 50 हजार रुपए की रिश्वत देने के आरोप में गिरफ्तार पॉसर/एजैंट वरुण महाजन को 2 दिन की विजिलैंस हिरासत में भेजा गया है जहां उससे पूछताछ होगी कि यह टैक्स चोरी का खेल कब से चल रहा है, कौन-कौन इसमें शामिल है, कौन-कौन रिश्वत लेता रहा है इत्यादि-इत्यादि

 

....क्रमश: 

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