जय हिन्द न्यूज/जालंधर
बहुकरोड़ीय जीएसटी घोटाले में स्टेट विजिलेंस ब्यूरो की ओर से नामजद किए जीएसटी इन्वैस्टीगेशन विंग पंजाब के ज्वाइंट डायरैक्टर बलबीर कुमार विरदी पर ब्यूरो का शिकंजा कसता चला जा रहा है। वीरवार तड़के ब्यूरो ने फरार विरदी की गिरफ्तारी के लिए उनके जालंधर के गुरू गोबिंद सिंह नगर स्थित कोठी नंबर 213 पर टैàप लगाया लेकिन टीम को बैरंग लौटना पड़ा। वहीं, इसी बीच सूचना मिली है कि फरार आरोपी विरदी ने विजिलैंस की गिरफ्त से बचने के लिए मोहाली सैशन कोर्ट का रूख किया है।
सूचना पुख्ता है कि आरोपी विरदी ने गिरफ्तारी से राहत पाने के लिए सैशन कोर्ट के समक्ष अग्रिम जमानत की अर्जी दायर की है। पता चला है कि कोर्ट ने अर्जी के आधार पर सुनवाई के लिए विजिलैंस ब्यूरो से जांच फाइल को तलब किया है। आंतरिक सूत्रों का दावा है कि विजिलैंस ब्यूरो आरोपी की गिरफ्तारी के लिए लगातार ट्रैप लगा रहा है ताकि वो कानूनी पैंतरें का इस्तेमाल करके हिरासत में होने वाली पूछताछ से बच न जाए।
हालांकि वीरवार तड़के ब्यूरो की जालंधर टीम ने जालंधर यूनिट के डीएसपी के नेतृत्व में आरोपी विरदी के जालंधर स्थित निजि निवास पर डेरा भी डाले रखा लेकिन परिवारिक सहयोग न ंिमलने से ब्यूरो टीम आरोपी की लॉक की कोठी में दाखिल नहीं हो पाई। ब्यूरो के आंतरिक सूत्रों की माने तो ब्यूरो की काफी टीमें इस समय आरोपी विरदी की तलाश में संभावित ठिकानों पर घात लगाकर बैठी है।
बता दे कि केस दर्ज होने के समय आरोपी विरदी जालंधर में तैनात थे तथा केस दर्ज होने के बाद उनका तबादला पटियाला में कर दिया गया था और वो वहां बिना किसी डर चार्ज लेने में भी कामयाब हो गए थे। हालांकि उस मामले को लेकर भी ब्यूरो व टैक्सेशन विभाग के बड़े अधिकारियों के मध्य काफी वाद-विवाद हुआ था। मगर अब संभवत: वहां चार्ज लोने के बाद ली लीव की अवधि समाप्त होने के बाद आरोपी विरदी को विभागीय कार्रवाई होने का डर सता रहा होगा जिसके चलते अब उनकी ओर से ब्यूरो की गिरफ्त से राहत पाने के लिए सैशन कोर्ट का रूख किया है। अब देखना शेष होगा कि इस कानूनी खेल में आरोपी विरदी विजिलेंस के हत्थे चढ़ जाता है या फिर गिरफ्तारी से राहत पाने में कामयाब हो जाता है। बहरहाल, सभी की निगाहें अब कोर्ट की अगली तारीख पर आकर टिक गई है।
गौरतलब है कि बीते साल इनपुट रिपोर्ट के आधार पर स्टेट विजिलेंस ब्यूरो ने अपने मोहाली थाना में एफआईआर दर्ज करके कुछ ईटीओ व एईटीसी लेवल के अधिकारियों को गिरफ्तार किया था। ब्यूरो ने कुछ टैक्स चोरी करने वाले पासरों को भी दबोचा था और उनके कब्जे से रिश्वत की बंटी रकम का लेखा-जोखा भी बरामद किया था। पूछताछ के दौरान गिरफ्तार किए कुछ फील्ड टैक्सेशन अफसरों ने मुंह खोला था और बलबीर कुमार विरदी को इस घोटाले में अपना बॉस बताया था। हालांकि यह इन डायरैक्ट एवीडैंस है कि आरोपी ने किसी का सिर्फ नाम लिया लेकिन इसके लिए ठोस सबूतों को जुटाना अभी विजिलैंस ब्यूरो के लिए टेढ़ी खीर साबित हो रही है जिसके लिए वो आरोपी विरदी को गिरफ्त में लेकर गहन पूछताछ करना चाहते हैं।