कुनाल शर्मा/जय हिंद न्यूज़
नशा मुक्त पंजाब का दावा भले ही मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने किया लेकिन उसको प्रभावी ढंग से वफ़ा करना तो पुलिस का काम है लेकिन यह क्या जालंधर में पुलिस नशा तस्करों के खिलाफ वार्षिक रस्म अदायगी तक सिमटी हुई है मगर कोई सख्त कदम नहीं उठा रही।
जी हाँ, यहाँ की थाना 3 की पुलिस ने आज एक ऐसे अवैध शराब तस्कर प्रदीप कुमार सोनू उर्फ "गुंजल" को गिरफ्तार किया है जो शराब तस्करी में खासा नाम कमा चुका है।
अब मजे की बात तो यह भी कि आज जो सिटी थाना पुलिस ने उस पर पर्चा दर्ज किया वो उसका वार्षिक पर्चा है जो बीते काफी वर्षो से उस पर दर्ज होता चला आ रहा है। संभवतः वार्षिक पर्चे के बाद वो बाकी सारा साल खुल कर तस्करी करता है।
खिंगरा गेट, जालंधर निवासी इस शराब तस्कर को आज पुलिस ने 36 बोतल शराब समेत काबू किया है। थाना प्रभारी मुकेश कुमार SI ने बताया कि थाना क्षेत्र अधीन इकहरी पुली के पास बरामद अवैध शराब के मामले में आरोपी प्रदीप कुमार सोनू उर्फ "गुंजल" को गिरफ्तार किया गया और उस पर मामला दर्ज किया।
अब देखिए, पुलिस ने उसकी तकनीकी रूप से कैसे अप्रत्यक्ष रूप से मदद की कि उसको मौके से "absent" कर दिया, यह स्टोरी बनाकर कि उसकी एक्टिवा स्कूटर लावारिस हालात में मिली जिस पर शराब की खेप लदी थी।
बताया जा रहा है कि पुलिस ने एक्टिवा कब्जे में लेने के बाद उसको काबू करके उस पर केस दर्ज किया जबकि उसको मौके पर बुलाकर उसकी गिरफ्तारी की जानी चाहिए थी जिससे सजा का रास्ता पक्का हो जाता। मगर अब होगा यह कि वो पुलिस की इस "मेहरबानी" से साफ बच जाएगा और बरी होकर CM पंजाब कैप्टन अमरिंदर सिंह को नाक चिढायेगा।
हैरत कि बात यह भी है कि करीब 5 साल पहले इसी शराब तस्कर को कोर्ट ने शराब तस्करी के केस में नेक चाल चलनी की शर्त पर रिहा भी किया लेकिन वो फिर भी नहीं सुधरा और बेधड़क शराब की तस्करी करता चला आ रहा है। और पुलिस की भी बानगी यह कि पुलिस उस पर शराब तस्करी का वार्षिक पर्चा दर्ज करती आ रही है लेकिन उस पर 110 का कलंदरा दर्ज नहीं कर रही।
बहरहाल, ऐसी पुलिस "थाना मेहरबान तो तस्कर पहलवान" से ऐसा होना लाजमी है। देखना शेष होगा कि अब इस सोनू तस्कर पर अगला मामला इस साल दर्ज होता है या फिर अगले साल 2022 में प्रस्तावित वार्षिक पर्चा दर्ज होता है।