राजेश कपिल/जालंधर
संभवत: अवैध धंधों में “कल्ले-कल्ले ही बल्ले-बल्ले” करने वालों के खिलाफ पहले शिकायतें, फिर सड़कों पर मारपीट और क्रॉस FIR के बाद गहराया विवाद अब कानूनी गलियारों में भी तूल पकड़ता दिखाई देने लगा है।
खुद के खिलाफ ब्लैकमेलिंग का केस दर्ज होने के बाद लामबंद हुआ RTI एक्टिविस्ट सिमरनजीत सिंह अपने विरोधी पंजाब खादी बोर्ड के डायरैक्टर मेजर सिंह को पटखनी देने के लिए एक के बाद एक कानूनी पैंतरां अपना रहा है।
ताजा अपडेट यह है कि सिमरनजीत सिंह ने अब माननीय पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दायर करके पंजाब खादी बोर्ड के डायरैक्टर मेजर सिंह समेत 20 लोगों के खिलाफ पंजाब अपार्टमैंट एंड प्रापर्टी रैगुलेशन एक्ट (पापरा) के तहत केस दर्ज करने तथा उक्त अवैध कालोनी की रजिस्ट्रीयों पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाने का आदेश जारी करने की मांग की है।
जानकारी के मुताबिक सिमरनजीत सिंह की इस याचिका पर सुनवाई को स्वीकार करते हुए माननीय हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार के सैक्रेटरी पुडा, सैक्रेटरी एवं डायरैक्टर स्थानीय निकाय, डिप्टी कमिश्नर जालंधर, नगर निगम कमिश्नर जालंधर, मुख्य प्रशासक जेडीए, सब-रजिस्ट्रार एक व दो, तहसीलदार एक व दो से जबावतलब किया है। इन सभी को याची की ओर से अवैध कालोनियों के खिलाफ दी शिकायतों पर की गई कार्रवाई की रिपोर्ट रिपोर्ट्स पर आधारित जबाव तलब किया गया है।
अब यहां हैरत की बात है कि याचिका में सिमरनजीत सिंह ने पंजाब खादी बोर्ड के डायरैक्टर मेजर सिंह व उसके पुत्र इन्द्रजोत सिंह के अलावा नायब तहसीलदार मनोहर लाल के पिता दाना राम, पाइनियर स्पोर्ट्स के बलबीर सिंह, जतिंदर सिंह आहलूवालिया समेत जालंधर के आबादपुरा निवासी हंसराज, जैना नगर निवासी अभय डाबर, माडल हाऊस निवासी जसप्रीत सिंह खुराना उर्फ विपन दौलतपुरिया, विवेक सहगल (जिगजैग आइसक्रीम वाले), पप्पू कुमार, रवि कुमार, न्यू लक्ष्मीपुरा निवासी अनूप कुमार शर्मा, अली मोहल्ला निवासी जोगिंदरपाल, लिंक कालोनी निवासी विजय कुमार, गांव धालीवाल निवासी रेशम लाल, अवैध कालोनी काटने वालों को जमीन बेचने वाले गांव कोट सदीक निवासी तजिंदर सिंह, जसवीर सिंह, तथा रेशम लाल को भी प्रतिवादी बनाया है जिनसे फिलहाल माननीय हाईकोर्ट ने कोई जबाव तलब नहीं किया है।
याचिका में सिमरनजीत सिंह ने बूटा मंडी, नकोदर रोड जालंधर स्थित पाइनियर स्पोर्ट्स वाली जगह पर बनी अवैध कालोनी, सिद्धार्थ नगर में कटी अवैध कालोनी, सीनियर डिप्टी मेयर सुरिंदर कौर के निवासी के पीछे बनी अवैध कालोनी, दयोल नगर में कोका-कोला गोदाम के पीछे अवैध ढंग से बन रहे विल्लास, गांव धालीवाल में बन रही दो अवैध कालोनी, गांव कोट सदीक में कट रही अवैध कालोनी के खिलाफ दायर की अपनी शिकायतों पर कार्रवाई न होने का मुद्दा हाईकोर्ट के ध्यानार्थ किया है।
याचिका में सिमरनजीत सिंह ने माननीय हाईकोर्ट को आगाह कराया है कि यह सारा खेल करोड़ों का है जिसमें बड़े राजनेता भी सरकार की राजस्व चोरी के स्कैंडल में शामिल है। यह भी बताया है कि सत्ताधारी प्रभावशाली नेता अवैध कालोनियों के खिलाफ कार्रवाई करने वाले सरकारी पदों पर अपने चहेते अफसरों को तैनात करवाते है ताकि वो किसी शिकायत पर कार्रवाई न करें और ऐसा ही हो रहा है जिसके लिए वो अब हाईकोर्ट में आया है।
गौरतलब है कि शहर की अवैध निर्मित इमारतों व जिले की अवैध निर्मित कालोनियों के खिलाफ सत्ताधारी पार्टी कांग्रेस से ही संबंधित यह आरटीआई एक्टिविस्ट सिमरनजीत सिंह बीते काफी समय से आवाज उठाया आ रहा है।
बेशक वो खुद भी सवालों के घेरे में है लेकिन गलत के खिलाफ आवाज उठाने वाले को गलत साबित करने के लिए भी एक मजबूत आधार होना लाजिमी है। बेशक, पंजाब खादी बोर्ड के चेयरमैन मेजर सिंह ने उसके खिलाफ ब्लैकमेलिंग का केस दर्ज करवाया है लेकिन उसके अभी तक के तथ्यों के आधार पर वो केस काफी वीक नजर रहा है।
बहरहाल, मेजर सिंह याची सिमरनजीत के खिलाफ केस दर्ज करवाने और थोड़ा बोलने के बाद से काफी शांत दिख रहे हैं। हालांकि याची सिमरनजीत सिंह दस्तावेजों के आधार पर मेजर सिंह की आए दिन कलई खोलने का दावा कर है और मेजर सिंह उस पर कोई टिप्पणी या बयान देने के लिए सामने नहीं आ रहा है। ताजा मामले को लेकर भी फिलहाल उनका बयान नहीं मिला है जिसके जल्द मिलने की उम्मीद है।
संभवत: हाईकोर्ट से उनको भी नोटिस जारी होने की खबर है जिसके बाद उनके भी लिखित पक्ष बयान के रूप में सामने आने की उम्मीद है कि आखिर वो हाईकोर्ट में अपना पक्ष आखिर क्या रखते हैं।
उधर, दूसरी बार हाइकोर्ट पहुँचे याची सिमरनजीत सिंह के बारे में यह खबर भी सामने आई है कि माननीय हाइकोर्ट ने उसको बिना वकील पैरवी की भी मंजूरी दे दी है जिससे उसकी वकील फीस की चिंता भी समाप्त हो गई है। माना जा रहा है कि वो और भी मामलों को जल्दी हाइकोर्ट के समक्ष रखने जा रहा है जिसमें वो कुछ विधायको की भी पोल खोलने का दावा कर रहा है।