Latest News

घायल RTI एक्टिविस्ट पर ब्लैकमेलिंग का केस दर्ज करने का मामला भड़का, आयोग ने लिया आरोपी की पिटीशन का संज्ञान, अन्य RTI एक्टिविस्ट भी हुए लामबंद, पढ़िए ज्वलंत मुद्दे का ताजा अपडेट

By RAJESH KAPIL/JALANDHAR

Published on 23 Dec, 2020 08:47 PM.

 जय हिन्द न्यूज़/जालंधर

 

 

अवैध कॉलोनीज/इमारतों/धंधों के खिलाफ RTI में सूचना लेकर पंजाब एंड हरियाणा हाइकोर्ट में PIL दायर करने वाले RTI एक्टिविस्ट सिमरनजीत सिंह पर एक अप्रत्याशित घटना के बाद धरने के दबाव में घायल हालत में ब्लैकमैकिंग और जान से मारने की धमकी देने की FIR दर्ज करने का मामला अब तूल पकड़ता दिखाई देने लगा है।

 

 

 

 

 

इसमें ताज़ा अपडेट यह सामने आया है कि यह मामला अब पंजाब मानव अधिकार आयोग (PUNJAB STATE HUMAN RIGHTS COMMISSION) भी पहुँच गया है। जानकारी मिली है कि आयोग ने सिमरनजीत सिंह की पटीशन पर आज सुनवाई करके सिटी पुलिस कमिश्नर को नोटिस जारी कर मामले की जांच रिपोर्ट पेश करने का आदेश जारी किया है। अब स्पष्ट है कि अब अगर किसी उच्च स्तरीय कानूनी जांच में यह बात साबित हो गई कि यह ब्लैकमेलिंग वाला ट्रैप "आपहुदरा" था और RTI एक्टिविस्ट सिमरनजीत सिंह के साथ जमकर मारपीट भी की थी तो पंजाब खादी बोर्ड के डायरेक्टर मेजर सिंह और उनके साथियों के खिलाफ भी FIR दर्ज हो सकती है।

 

 

 

 

इस आशय की पुष्टि करते हुए खुद हमले के शिकार होने का दावा करने वाले सिमरनजीत सिंह ने बताया कि उनकी ओर से सिटी पुलिस के खिलाफ तथ्यों के आधार पर पटीशन दायर की गई थी जिसकी आज सुनवाई हुई। जैसा कि सिमरन ने बताया है कि आयोग के समक्ष पेश किए तथ्यों में पंजाब खादी बोर्ड के डायरेक्टर मेजर सिंह की सभी अवैध कॉलोनीज, इमारतों एवं अवैध धंधों का विस्तार भी पेश करने का दावा किया है। साथ में RTI में प्राप्त सूचनाएं, शिकायतें और PIL का रिकॉर्ड संलग्न करके खुद को जनहित याची और मेजर सिंह की गुंडागर्दी का शिकार बताया है।

 

 

 

 

 

पटीशन में सिमरनजीत सिंह ने घटना का विस्तार बताते हुए खुद पर दर्ज केस को राजनीतिक साजिश का हिस्सा और पंजाब खादी बोर्ड के डायरेक्टर मेजर सिंह पर चिन्हित साथियों समेत हमला करके घायल अवस्था में पुलिस को सौंपकर थाना में पहले राजीनामा का दबाव बनाने और फिर न मानने की सूरत में साथियों समेत धरना लगाकर झूठा केस दर्ज करवाने के संगीन आरोप जड़े हैं।

 

 

 

 

आयोग के समक्ष 13 चोटों पर आधारित MLR के आधार पर  सिमरनजीत सिंह ने गुहार लगाई है कि उनको जनहित में कदम उठाने पर अवैध धंधे करने वाले राजनेताओं ने सिटी पुलिस की मदद से पहले मारपीट करके घायल किया, फिर रात भर घायल हालत में कस्टडी में रखा और बाद में हमला करने वालों के खिलाफ एक्शन लेने की बजाए उस पर ही ब्लैकमेलिंग का झूठा केस दर्ज कर दिया जो सरासर अन्याय हुआ है जिसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की सिफारिश की जाए।

 

 

 

 

उधर, पता चला है कि इस मामले को लेकर राज्य भर के RTI एक्टिविस्ट सक्रिय हो गए हैं। सूत्रों की माने तो कुछ RTI एक्टिविस्ट इस मामले को अपने खिलाफ मॉडल केस बनने से रोकने के लिए पंजाब एंड हरियाणा हाइकोर्ट में CWP दायर करने जा रहे हैं ताकि RTI एक्टिविस्ट के खिलाफ होने वाली ऐसी संभावित साजिशों और "आपहुदरे ट्रैप" से होने वाली हानि को रोका जा सके। साथ ही यह मांग भी उठाने जा रहे हैं कि सरकारी सिस्टम ऐसे मामलों में बिना किसी जांच के FIR दर्ज करके किसी RTI एक्टिविस्ट को किसी भी राजनेताओं के इशारे पर प्रताड़ित न कर सके।

 

 

 

 

फ्लैशबैक स्टोरी यह है कि गत दिवस शहर के पुडा आफिस के पास RTI एक्टिविस्ट सिमरनजीत सिंह और पंजाब खादी बोर्ड के डायरेक्टर मेजर सिंह के मध्य हंगामा होने के बाद पुलिस ने घायल सिमरनजीत सिंह को पहले हिरासत में ले लिया था। मेजर सिंह ने सिमरनजीत सिंह पर ब्लैकमेल करके रुपए लेने का आरोप लगाया था जिसके बाद धरना दिए जाने पर दबाव में आई पुलिस ने सिमरनजीत सिंह पर अगली सुबह तड़के IPC की धारा 384, 506 के तहत FIR दर्ज कर दी थी लेकिन उसको लगी चोटों और उसके आरोपों के मुताबिक कोई कार्रवाई नहीं की थी।

Reader Reviews

Please take a moment to review your experience with us. Your feedback not only help us, it helps other potential readers.


Before you post a review, please login first. Login
Related News
ताज़ा खबर
e-Paper

Readership: 295663