जय हिन्द न्यूज़/जालंधर
अवैध कॉलोनी, अवैध निर्माण और अवैध धंधों के खिलाफ "अन्ना 24 घंटे चोकन्ना" बनकर कानूनी रुख अख्तियार किए कांग्रेसी नेता एवं RTI एक्टिविस्ट सिमरनजीत सिंह को अब पुलिस ब्लैकमेलिंग वाले केस में अगले आदेश तक हाथ नहीं लगा पाएगी।
ताज़ा अपडेट मिला है कि पुलिसिया धक्केशाही के खिलाफ कोर्ट गए आरोपी सिमरनजीत सिंह को स्थानीय अदालत ने अंतरिम राहत प्रदान कर दी है। उनके वकील संजीव बंसल ने इस आशय की पुष्टि भी की है।सिटी पुलिस पर गिरफ्तारी की मांग को लेकर बढ़ते राजनीतिक दवाब के चलते आरोपी सिमरनजीत सिंह ने वकील के जरिये अदालत का रुख किया है।
पता चला है कि अग्रिम जमानत अर्जी के साथ सिमरनजीत सिंह ने सारे मामले को धक्का कार्रवाई करार बताकर राजनीतिक दवाब और राजनेताओं के अवैध धंधों का कच्चा चिट्ठा बता तत्काल राहत की मांग की थी, जिस पर कोर्ट सहमत हुई।
संपर्क करने पर अभियोजन पक्ष ने बताया कि अग्रिम जमानत अर्जी पर कोर्ट ने अरेस्ट स्टे आर्डर जारी किया है। पुलिस फ़ाइल पर सुनवाई 24 दिसंबर को होगी। फिलहाल आरोपी को जांच में शामिल होने के बारे में भी नहीं कहा है। कोर्ट के अगले आदेश के बाद ही केस का रुख तय होगा।
गौरतलब है कि सिमरनजीत सिंह की ओर से उठाए मुद्दों के कारण सिटी पुलिस ने उन सभी अवैध कॉलोनीज काटने वालों के खिलाफ नगर निगम और JDA की सिराफिश पर FIR दर्ज की है जिनके खिलाफ सिमरनजीत ने हाइकोर्ट ने रिट दायर कर रखी है।
बकौल सिमरन जीत, इन अवैध धंधों में राजनेताओं और विधायकों का भी मोटा हिस्सा है जिसके कारण उसको अब पुलिस पर दवाब बनाकर झूठे मामले में फंसाया गया है। सिमरनजीत ने दावा किया है कि वो अब राजनेताओं के इशारे पर गलत काम करने वालों की भी वर्दी उतरवाकर दम लेंगे।
बहरहाल, मामला बेहद पेचीदा होता दिखाई दे रहा है क्योंकि सिमरनजीत सिंह के इस दावे को अगर उनके पुराने रुख से जोड़कर देखा जाए तो साफ है कि आने वाले दिन पुलिस वालों के भी मुश्किल हो जाएंगे, अगर वो उस पर दर्ज मामले को स्टैंड न कर पाए और वो अब समय ही बताएगा कि "ऊंठ किस करवट बैठता है" तब तक जुड़े रहिए, जय हिंद।