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पंजाब सरकार के "मनीट्रैप" में फंसा जालंधर का अति विवादित रतन अस्पताल, डॉ. बलराज गुप्ता पर PCPNDT एक्ट के तहत FIR, पढ़िए मामला

By RAJESH KAPIL/JALANDHAR

Published on 03 Nov, 2020 11:25 PM.

जय हिन्द न्यूज़/जालंधर

पंजाब में आज भी कुछ डॉक्टर धड़ल्ले से लिंग निर्धारण टेस्ट कर रहे हैं। चूंकि सख्ती है इसलिए रकम भी मोटी यानि 25000 रुपये वसूली जा रही है। संभवतः हेल्थ-पुलिस कर्मचारी भी महीना ले रहे थे तो पंजाब सरकार को आज मजबूरन "मनीट्रैप" लगवाना पड़ा जिसमें जालंधर के रतन अस्पताल का डॉक्टर फंस गया।

 

 

 

 

 

ताज़ा जानकारी मिली है कि जालंधर सिटी पुलिस ने हेल्थ विभाग की स्टिंग रिपोर्ट के बाद सिविल सर्जन गुरिंदर कौर चावला की शिकायत मिलने पर रतन अस्पताल के संचालक डॉक्टर बलराज गुप्ता के खिलाफ PCPNDT act के तहत थाना 4 में मामला दर्ज कर लिया है। पुलिस के मुताबिक मामले में एक वर्कर पूनम को भी नामजद किया गया है जो सौदा करके लोगों को डॉक्टर के पास लेकर आती थी और आज भी टेस्ट के लिए साथ आई थी।

 

 

 

 

सिविल सर्जन डॉ. चावला ने बताया कि डॉयरेक्टर हेल्थ सर्विस, चंडीगढ़ को किसी ने सूचना दी थी कि जालंधर के रतन अस्पताल में लिंग निर्धारण टेस्ट किया जाता है।

 

【"जी हाँ, वही रतन अस्पताल जहाँ कभी खून चढ़ाने को लेकर तो कभी गलत ट्रीटमेंट को लेकर विवाद होता रहता है और कभी वीजा न लगने या प्रॉपर्टी डील को लेकर विवाद होते रहे हैं"】

 

उन्होंने बताया कि सेहत विभाग ने मंगलवार को एक प्राइवेट डिटेक्टिव एजेंसी की टीम से रतन अस्पताल का "मनीट्रैप" लगवाया जिसमें एक महिला अपना टेस्ट करवाने टीम के साथ डॉक्टर की दलाल पूनम से संपर्क करके और सब तय करके रतन अस्पताल गई। वहां पर टीम ने 25 हजार रुपए देकर महिला का टेस्ट करवाने का दावा किया, जिसका स्टिंग ऑपरेशन कैद किया गया है। उसके बाद गर्भपात भी किया जाना था।

 

 

 

 

 

 

इस खुलासे के बाद मौके पर जालंधर सेहत विभाग के कई अधिकारी भी पहुंचे। जब प्राइवेट टीम ने पूरे मामले का खुलासा किया तो अस्पताल में काफी हंगामा हुआ। स्टाफ आरोपों को गलत ठहरा रहा था और मौके पर पुलिस बुला ली गई। हैरत यह कि पुलिस अस्पताल से प्राइवेट टीम को ही उठा ले आई जबकि आरोपी डॉक्टर और पूनम नामक युवती को ऐसे ही छोड़ आई। हालांकि थाने में आकर पुलिस ने रेड टीम को छोड़ दिया और FIR दर्ज करके डॉक्टर और पूनम को फरार बताना शुरू कर दिया।

 

 

 

 

उधर, आरोपी रतन अस्पताल के डॉक्टर बलराज गुप्ता ने मीडिया को दावा किया कि उनके अस्पताल में कोई टेस्ट नहीं किया गया और न कोई पैसे लिए गए। कमरे में वह स्कैन कर रहे थे, लेकिन उन्होंने लिंग बारे कुछ नहीं बताया। टीम बाहर से ही शोर मचाने लग गई कि उन्होंने कहा कि उनकी छवि खराब करने के लिए ये किसी ने साजिश रची है।

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