सरकारी जमीन कब्जाने, नगर निगम के बिल्डिंग बॉयलाज की धज्जियां उड़ाकर इमारत बनाने के संगीन आरोपी एवं अति विवादित जालंधर के पटेल अस्पताल पर नया "कलंक" लगा है। पंजाब सरकार की जांच में अस्पताल द्वारा कोरोना की आड़ में की लूट का भंडाफोड़ हुआ है।
ताज़ा खबर है कि राज्य सरकार ने विवादित-लुटेरे अस्पताल प्रबंधन को कोरोना टेस्ट की ज्यादा वसूली फीस मरीजों को लौटने का आदेश दिया है। महामारी के दौर में अस्पतालों की लूट पर इस आदेश को "हंटर हिट" माना जा रहा है क्योंकि इस आदेश के बाद अस्पताल प्रबंधन मानवता की बातें करने लगा है।
जानकारी मिली है कि पटेल हस्पताल ने आरटी-पीसीआर कोविड टैस्ट करवाने वाले 106 ओपीडी मरीज़ों से गलती से 3.28 लाख रुपए अधिक वसूली के मामले में जिला प्रशासन ने सभी मरीजों को अधिक वसूली गई राशि लौटाने को लेकर आश्वस्त किया है।
गौरतलब है कि डिप्टी कमिशनर घनश्याम थोरी के पास जी.टी.बी. नगर जालंधर निवासी राजीव कुमार ने शिकायत दर्ज करवाई थी कि पटेल अस्पताल ने उसका कोविड टेस्ट करने के लिए 21 जुलाई को 5,500 रुपए वसूले थे, जबकि राज्य सरकार की तरफ से इस टैस्ट के लिए टैक्स सहित अधिक से अधिक 2,400 रुपए की फीस तय की गई है।
इस शिकायत की डिप्टी कमिश्नर ने जांच के आदेश दिए थे, जोकि सहायक कमिश्नर रणदीप गिल ने पूरी की। जिलाधीश ने बताया कि पटेल अस्पताल के प्रबंधकों ने ओपीडी के 106 मरीज़ों से अधिक वसूली गई 3.28 लाख रुपए की रकम वापस करने का आदेश दिया जिसको अस्पताल प्रबंधन ने मान लिया है, साथ ही कहा कि अगर दंड न दिया जाए तो इतनी ही राशि अस्पताल की तरफ से गरीब व जरूरतमंद लोगों के इलाज के लिए अलग से रखी जाएगी।
अस्पताल के प्रबंधकों ने तर्क दिया है कि वे आरटी-पीसीआर टैस्ट की र्निधारित फीस 2400 रुपए के बारे में नहीं जानते थे। मगर अब जनता की सेवा करके प्राश्चित करना चाहते है ताकि हमको कोई पाप न लगे।