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लायंस क्लब चुनाव विवाद पहुंचा कोर्ट, जज ने जारी किया यह अंतरिम आदेश, पढ़िए

By RAJESH KAPIL

Published on 14 Sep, 2020 02:35 PM.

जय हिन्द न्यूज/जालंधर

 

पंजाब के जालंधर से लायंस क्लब से जुड़ी बड़ी खबर सामने आई है। स्थानीय अदालत ने जिला अमृतसर साहिब के मैस. लायंस क्लब इंटरनेशनल के वाइस डिस्टि्रक्ट गवर्नर के चुनाव पर स्टेआर्डर जारी कर दिया है। मतलब साफ कि अब जैसे होने जा रहे थे अब चुनाव वैसे नहीं हो पाएंगे।

 

 

जिला अमृतसर साहिब के गांव रैया निवासी 40 वर्षीय प्रशांत की याचिका पर सिविल कोर्ट ने दूसरे पक्ष के क्लब गवर्नर हरदीप सिंह का पक्ष सुनने के बाद उक्त आदेश जारी किया।

 

 

कोर्ट ने याची प्रशांत की सीपीसी की धारा 39 रुल्ज 1 व 2 रीड विद सैक्शन 151 का निपटारा करते हुए अंतरिम आदेश पारित किया है जिसमें प्रतिवादी पक्ष को दिनाक 2.9.2020 को जारी चुनाव सर्कुलर के आधार पर अगले फैसले तक कोई चुनाव न कराने का कहा है।

 

दरअसल, यह विवाद तब पनपा जब प्रतिवादी पक्ष ने चुनाव का शंखनाद किया और वादी पक्ष ने इसका विरोध दर्ज किया और प्रतिवादी ने उसको तरजीह नहीं दी।

 

 

भले दोनों जिला अमृतसर साहिब से संबंधित है लेकिन क्लब का बेस कैंप जालंधर होने के कारण वादी प्रशांत ने जालंधर की अदालत का रूख किया जहां उसने चुनाव रोकने के लिए सिविल कोर्ट में याचिका दायर की।

 

 

 

याचिका में प्रशांत ने कोर्ट के समक्ष अपने वकील के जरिए यह मुद्दा रखा कि प्रतिवादी पक्ष क्लब रूल्ज को बायपास करके चुनाव करवाने जा रहा है जबकि चुनाव के लिए एग्जैक्टिव कमेटी को सम्मन किया जाना जरूरी है।

 

 

 

कोर्ट को बताया कि प्रतिवादी पक्ष चुनिंदा लोगों को चुनाव प्रक्रिया में शामिल करके अपने मानमाफिक ढंग से चुनाव करवाने की ताक में है क्योंकि कोविड-19 के कारण सभी सदस्यों का चुनाव प्रक्रिया में शामिल होना मुमकिन नहीं हो रहा। उधर, संपर्क करने पर याची पक्ष के वकील मंदीप सिंह सचदेव ने बताया कि मामले की सुनवाई अब 06 नवंबर 2020 को होगी।

 

 

बहरहाल, इस विवाद का गूंज देश-विदेश में होने लगी है। कारण यह कि लायसं क्लब इंटरनेशनल को अनुशासन अपनाने में अब्बल माना जाता है लेकिन ताजा मामले में क्लब की ओर से अनुशासन व नियमों का उल्लंघन करने की कोशिश किए जाने से क्लब का नाम काफी उछल रहा है। इस विवाद को लेकर सोशल मीडिया पर भी लोग अपने विचार प्रकट कर रहे हैं जिससे संस्था की साख पर सवाल खड़े हो रहे हैं। बहरहाल, काफी लोगों की निगाहें अब कोर्ट के फैसले पर टिकी रहेगी। 

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